मार्च २०११ मे वित्त मंत्रालय ने तीन संस्थान (NCAR,NIFM,NIPFP) को अध्ययन करके देश और विदेश मे जमा काले धन का पता लगाने को कहा था। तीनो संस्थान को यह अध्ययन करके रिपोर्ट बनाने मे पुरे आठ वषौ का समय लग गया। तीनो संस्थानो के अध्ययन के अनुसार भारतीयो ने १९८० से ले कर साल २०१० केे बीच् ३० साल कि अवधि मे लगभग २४६.४८ अरब डालर (१७,२५,३०० करोड रु०) से लेकर ४९० अरब डालर् (३४,३०,००० करोड रु०) के बीच काला धन देश के बाहर भेजा गया है। तीनो संस्थानो ने यह भी पाया कि जिन क्षेत्रो मे सबसे ज्यादा काला धन पाया गया है उनमे पान मसाला,गुटखा, तम्बाकू, रियल एस्टेट, माइनिग, फिल्म, फामसियुटिकल्स, बुलियन, कमोडिटी और शिक्षा है।
अगर इतनी तेज़ी से देश से विदेश मे काला धन बाहर जायेगा तो हमारे देश की अर्थवस्था दगमगा जायेगी। वित्त मंत्रालय को काले धन के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाना चाहिये और हमे ये भी नही समझना चाहिये कि देश के बाहर ही काला धन है देश के अन्दर भी काला धन है।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत मे जितना काला धन है उससे भारत कर्ज़ मुक्त हो सकता है। ये रिपोर्ट कितनी सही है मै नही कहँ सकता पर अगर ये रिपोर्ट सही है तो वित्त मंत्रालय को कुछ तो करना पडेगा। अब हमारे वित्त मंत्रालय का जिम्मा निर्मला सितारमण जी के हाथ मे है और मुझे पुरा विश्वास है कि वो काले धन के खिलाफ कोई ठोस कारवाई करेंगी।
अगर इतनी तेज़ी से देश से विदेश मे काला धन बाहर जायेगा तो हमारे देश की अर्थवस्था दगमगा जायेगी। वित्त मंत्रालय को काले धन के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाना चाहिये और हमे ये भी नही समझना चाहिये कि देश के बाहर ही काला धन है देश के अन्दर भी काला धन है।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत मे जितना काला धन है उससे भारत कर्ज़ मुक्त हो सकता है। ये रिपोर्ट कितनी सही है मै नही कहँ सकता पर अगर ये रिपोर्ट सही है तो वित्त मंत्रालय को कुछ तो करना पडेगा। अब हमारे वित्त मंत्रालय का जिम्मा निर्मला सितारमण जी के हाथ मे है और मुझे पुरा विश्वास है कि वो काले धन के खिलाफ कोई ठोस कारवाई करेंगी।